प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को जॉर्डन के शाह (किंग) अब्दुल्ला द्वितीय इब्न अल हुसैन से मुलाकात की और दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की, साथ ही आपसी महत्व के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर गहन चर्चा की। किंग अब्दुल्ला द्वितीय के निमंत्रण पर पीएम मोदी दो दिवसीय यात्रा पर जॉर्डन पहुंचे हैं। शाह ने हुसैनीया पैलेस में पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया, जहां प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता से पहले दोनों नेताओं के बीच आमने-सामने की बैठक हुई।
यात्रा का दूसरा दिन और आगामी एजेंडा
प्रधानमंत्री मोदी के जॉर्डन दौरे का आज (मंगलवार, 16 दिसंबर) दूसरा दिन है। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, वे आज भारत-जॉर्डन बिजनेस फोरम की बैठक को संबोधित करेंगे, जिसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश को बढ़ावा देना है। इसके अलावा, पीएम मोदी जॉर्डन में भारतीय समुदाय के साथ बातचीत भी करेंगे और क्राउन प्रिंस के साथ पेट्रा शहर का दौरा भी कर सकते हैं।
जॉर्डन के बाद, पीएम मोदी आज ही पूर्वी अफ्रीकी देश इथियोपिया के लिए भी रवाना होंगे, जो उनकी पहली इथियोपिया यात्रा होगी। इथियोपिया के बाद, पीएम मोदी 17 दिसंबर को ओमान जाएंगे।
आतंकवाद पर साझा सोच और गाजा मुद्दा
बैठक के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा कि अम्मान में किंग अब्दुल्ला द्वितीय के साथ सार्थक चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि भारत-जॉर्डन संबंधों को जीवंत बनाए रखने के प्रति उनकी व्यक्तिगत प्रतिबद्धता सराहनीय है।
पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि आतंकवाद के खिलाफ भारत और जॉर्डन की सोच एक जैसी है। उन्होंने गाजा मुद्दे पर शाह अब्दुल्ला द्वितीय की सक्रिय और सकारात्मक भूमिका की सराहना की और उम्मीद जताई कि क्षेत्र में शांति और स्थिरता कायम होगी। पीएम मोदी ने कहा:
"आपके नेतृत्व में जॉर्डन ने आतंकवाद, चरमपंथ और कट्टरपंथ के खिलाफ दुनिया को एक मजबूत और रणनीतिक संदेश दिया है।"
संबंधों को मिलेगी नई गति
प्रधानमंत्री मोदी ने विश्वास व्यक्त किया कि उनकी मुलाकात भारत-जॉर्डन संबंधों को नई गति प्रदान करेगी और प्रगाढ़ता लाएगी। उन्होंने कहा कि दोनों देश ट्रेड, फर्टिलाइजर, डिजिटल टेक्नोलॉजी, इन्फ्रास्ट्रक्चर और लोगों के बीच संपर्क जैसे क्षेत्रों में अपना सहयोग जारी रखेंगे।
पीएम मोदी ने जॉर्डन के शाह का गर्मजोशी से स्वागत करने और भारत के प्रति उनकी गहरी प्रतिबद्धता के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने याद दिलाया कि दोनों देश इस साल अपने द्विपक्षीय राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं, जो आने वाले समय में नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा देती रहेगी।
किंग अब्दुल्ला द्वितीय ने पीएम मोदी का स्वागत करते हुए कहा कि उनकी उपस्थिति "हमारे दोनों देशों के बीच दशकों की मित्रता, आपसी सम्मान और सार्थक सहयोग को दर्शाती है।" उन्होंने कहा कि यह यात्रा आर्थिक सहयोग के नए रास्ते तय करने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करती है।
पीएम मोदी ने 2018 में शाह अब्दुल्ला द्वितीय की भारत यात्रा और 2015 में हिंसक चरमपंथ पर आयोजित एक कार्यक्रम में उनकी मुलाकात को भी याद किया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि दोनों देश लंबे समय से वैश्विक शांति और सहयोग के मुद्दों पर एक साथ खड़े रहे हैं।