मुंबई, 24 दिसंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। चंडीगढ़ नगर निगम की हाउस मीटिंग में मंगलवार को कांग्रेस और भाजपा के पार्षद भिड़ गए। इसकी शुरुआत तब हुई, जब कांग्रेस पार्षदों ने मेयर चुनाव के वक्त वोट काउंटिंग में गड़बड़ी के आरोपी नॉमिनेटेड पार्षद अनिल मसीह को 'वोट चोर' कहना शुरू कर दिया। इसके विरोध में मसीह वेल में आए और कहा कि 'राहुल गांधी भी जमानत पर हैं'। इससे कांग्रेसी पार्षद भड़क उठे। उन्होंने अनिल मसीह के लिए 'वोट चोर' के नारे लगाते हुए पोस्टर लहराने शुरू कर दिए। यह देख भाजपा पार्षदों ने कांग्रेस के पार्षदों के हाथ से अनिल मसीह को वोट चोर कहने वाले पोस्टर छीन लिए। दोनों तरफ से विवाद इतना बढ़ा कि कांग्रेसी पार्षद गुरप्रीत और सीनियर डिप्टी मेयर कुलजीत सिंह संधू के बीच बहस होने लगी। इससे बवाल ज्यादा बढ़ा और दोनों पक्षों के बीच हाथापाई हो गई। हंगामा बढ़ते देख हाउस की मीटिंग को स्थगित कर दिया गया। अनिल मसीह तब सुर्खियों में आए थे, जब उन्होंने यहां मेयर के चुनाव के वक्त AAP-कांग्रेस के 8 पार्षदों के वोट निशान लगाकर इनवैलिड कर दिए और भाजपा उम्मीदवार को जिता दिया। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दोबारा गिनती से AAP-कांग्रेस से कुलदीप कुमार मेयर बने।
वहीं, कांग्रेस पार्षद गुरप्रीत गापी ने कहा कि BJP वालों ने मेरे हाथ से पोस्टर छीन लिए। जिससे विवाद बढ़ा। यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बाधित करने का प्रयास है। चंडीगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष एचएस लक्की ने इसे लोकतंत्र की हत्या करार देते हुए कहा कि नगर निगम में इस तरह की घटनाएं शर्मनाक हैं। यह जनता की आवाज को दबाने का प्रयास है। साथ ही, भाजपा पार्षद कंवर राणा ने आरोप लगाया, सदन में हाथापाई हमारे नहीं बल्कि कांग्रेस के पार्षदों ने की। मेयर अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए सदन का माहौल खराब कर रहे हैं। वहीं भाजपा के सीनियर डिप्टी मेयर कुलजीत संधू ने कहा कि मेयर खुद कोई काम नहीं करना चाहते। जब उनकी नाकामियां सामने आती हैं, तो वे दूसरों पर आरोप लगाते हैं। यह सब उनकी साजिश है। साथ ही, मेयर कुलदीप कुमार ने कहा कि भाजपा अब हाथापाई पर उतर आई है। सदन में हाथापाई कर भाजपा ने लोकतंत्र का अपमान किया है।
दरअसल, चंडीगढ़ में इसी साल जनवरी के निगम के चुनाव हुए। इसमें पहली बार I.N.D.I.A. ब्लॉक के तहत AAP और कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ा था। इसके बाद मेयर के लिए वोटिंग हुई। जिसमें एक सांसद और 35 पार्षदों ने वोटिंग की। वोटिंग के बाद चुनाव अधिकारी अनिल मसीह ने रिजल्ट की घोषणा की कि भाजपा के मेयर कैंडिडेट मनोज सोनकर को 16 वोट मिले थे। जिनमें 14 बीजेपी के पार्षद, एक चंडीगढ़ से बीजेपी की सांसद किरण खेर और एक वोट अकाली दल का शामिल था। हालांकि आम आदमी पार्टी के 13 और कांग्रेस के 7 पार्षदों ने AAP के मेयर कैंडिडेट कुलदीप कुमार के समर्थन में वोट दिया था। अनिल मसीह ने कहा कि कुलदीप को सिर्फ 12 वोट मिले। मसीह ने कुलदीप के 8 वोट इनवैलिड करार दे दिए। जिसके बाद आप और कांग्रेस ने कहा कि अनिल मसीह ने बैलेट पेपर पर निशान लगाकर इन्हें इनवैलिड किया है। इसके बाद AAP सुप्रीम कोर्ट चली गई। सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव में डाले गए वोटों की दोबारा गिनती करने के आदेश दिए। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि मसीह ने जिन 8 बैलेट पेपर पर निशान लगाए थे, उन सभी को वैध माना जाए। इसके बाद मतगणना हुई तो AAP के कुलदीप कुमार मेयर बन गए। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान अनिल मसीह को गड़बड़ी का जिम्मेदार ठहराया। कोर्ट ने कहा कि कोई भी बैलेट पेपर खराब नहीं था। मसीह ने उन पर स्याही लगाकर खराब किया है। कोर्ट ने मसीह के खिलाफ कार्रवाई करने की भी बात कही थी।