वाराणसी जिला प्रशासन ने मुसहर समाज को सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से एक विशेष अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है, जिसे “ऑपरेशन मुसहर” नाम दिया गया है. इस अभियान का मुख्य उद्देश्य वर्षों से हाशिए पर रह रहे मुसहर समुदाय को समाज की मुख्यधारा से जोड़ना और उन्हें सम्मानजनक आजीविका के अवसर उपलब्ध कराना है. प्रशासन का मानना है कि सही मार्गदर्शन, रोजगार और जागरूकता के जरिए इस समुदाय के सैकड़ों परिवारों का भविष्य बदला जा सकता है.
दरअसल, मुसहर समाज के कई परिवार बीते समय में मजबूरीवश कच्ची शराब बनाने या अन्य अवैध एवं असुरक्षित कार्यों से जुड़े रहे हैं. इन गतिविधियों के कारण न केवल उनका सामाजिक ताना-बाना प्रभावित हुआ, बल्कि उनकी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य भी अंधकारमय होता चला गया. इसी पृष्ठभूमि में वाराणसी प्रशासन ने यह ठोस पहल की है, जिसके तहत करीब 300 मुसहर परिवारों को एक नई दिशा देने की योजना बनाई गई है.
छोटे व्यवसायों से मिलेगा रोजगार
वाराणसी के मुख्य विकास अधिकारी प्रखर कुमार सिंह ने एबीपी लाइव से बातचीत में बताया कि ऑपरेशन मुसहर के अंतर्गत लगभग 300 परिवारों के करीब 1600 सदस्यों को सीधे रोजगार से जोड़ा जाएगा. इसके लिए छोटे-छोटे व्यवसायों को चुना गया है, ताकि लोग अपने पैरों पर खड़े हो सकें और स्थायी आय का जरिया बना सकें.
इन रोजगारों में अगरबत्ती निर्माण, चप्पल निर्माण, पशुपालन और जानवर चरवाने जैसे कार्य शामिल हैं. इसके अलावा भी स्थानीय जरूरत और लोगों की रुचि के अनुसार अन्य छोटे व्यापारों के विकल्प उपलब्ध कराए जाएंगे. प्रशासन की योजना है कि इन सभी गतिविधियों के लिए एक निर्धारित स्थल उपलब्ध कराया जाए, जहां सभी सुविधाएं एक साथ मिल सकें. अधिकारी के अनुसार, इस स्थल से जुड़ा लगभग 80 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है, और जल्द ही इसे पूरी तरह से शुरू कर दिया जाएगा.
सीडीओ ने बताया कि पहले ये परिवार मजबूरी में ऐसे कार्य करते थे, जिनसे न तो स्थायी आमदनी होती थी और न ही सामाजिक सम्मान. कई मामलों में यह कार्य कानून के दायरे से बाहर भी थे. ऑपरेशन मुसहर के जरिए प्रशासन का प्रयास है